भारतीय प्रशासनिक सेवा
Indian Administrative Service (IAS)
and
संघ लोक सेवा आयोग
Union Public Service Commission (UPSC)
पर आधारित महत्वपूर्ण प्रशन
प्रिय विधार्थी
अगर आप भारतीय प्रशासनिक सेवा Indian Administrative Service (IAS) and संघ लोक सेवा आयोग Union Public Service Commission (UPSC) परीक्षा की तेयारी कर रहे है, तो इस IAS के Online Mock Test में आपका सुआगत है | इस टेस्ट सीरीज में हमने उन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों को सामिल किया है जो अब तक उपरोक्त परीक्षाओ में पूछे गये है या पूछे जाने की संभावना है | इस टेस्ट सरिस को बहुत ही रुचिकल बनाने के लिए हमने upsc ias previous year questions paper में पूछे गये सभी प्रश्नों को शामिल किया है एवम् एक प्रशन के चार विकल्प दिए है, जिसमे आप अपनी तेयारी के अनुसार सही विकल्प का चुनाव कर सकते है और उसके बाद आप नीचे Show Answer पर Click करके अपने प्रशन का सही उत्तर एवं उस प्रशन के बारे अनेक महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते है
इस टेस्ट सीरीज को प्रत्येक विषय के विशेष्यज्ञ द्वारा बनाया गया है
"Successरथ आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता है"
"कामयाबी बलिदान मांगती है"
12 मार्च, 1931 को महात्मा गांधी ने दांडी (गुजरात) में समुद्र तट पर नमक कानून का उल्लंघन करके सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करने के उद्देश्य से अपने साबरमती आश्रम (अहमदाबाद) से 78 चुने हुए साथियों के साथ सत्याग्रह के लिए कूच किया। गुजरात-31, महाराष्ट्र-13, उ.प्र.-8, कच्छ-6, केरल-4, पंजाब-3, राजपुताना-3, बांबे-2 (दादूभाई, हरीलाल माहिमतुरा), सिंध-1 (आनंद हिंगोरानी), नेपाल-1 (महावीर), तमिलनाडु-1 (तपन नायर), आंध्र-1 (सुब्रमण्यन), उत्कल-1 (मोतीवासदास), कर्नाटक-1 (महादेव मार्तण्ड), बिहार-1 (गिरिवरधारी चौधरी), बंगाल-1 (दुर्गेश चंद्र दास)।
‘बापू : माई मदर’ शीर्षक संस्मरण मनुबहन गांधी ने लिखा था।
विचारात्मक पुस्तक ‘हिंद स्वराज’ महात्मा गांधी ने मूल रूप से गुजराती भाषा में वर्ष 1909 में एक समुद्री जहाज के डेक पर उस समय लिखा था जब वे लंदन से दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन के लिए वापसी यात्रा पर थे। जिस पर ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद प्रतिबंध से बचने के लिए इसे अंग्रेजी में अनुवादित किया गया था।
महात्मा गांधी के जीवनीकार प्रसिद्ध अमेरिकी पत्रकार लुई फिशर थे। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ये महात्मा गांधी के साथ संबद्ध थे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन (1929) की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने सर्वप्रथम की थी। इसी अधिवेशन में ‘पूर्ण स्वराज’ का प्रस्ताव पारित कर दिया गया तथा 26 जनवरी को ‘स्वतंत्रता दिवस’ मनाने का निश्चय किया गया।
मेसाबी रेंज कोयला क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि लौह अयस्क के लिए प्रसिद्ध है। अन्य विकल्प सही सुमेलित हैं।
गोल्डन गेट सेतु अमेरिका के सैनफ्रांसिस्को नगर में सैनफ्रांसिस्को खाड़ी के दोनों छोरों को जोड़ने वाला पुल है। इसी कारण सैनफ्रांसिस्को को स्वर्ण द्वार का नगर कहा जाता है।
क्यूबा को विश्व का चीनी का कटोरा कहा जाता है क्योंकि यहां का मुख्य उत्पाद गन्ना है जिसका प्रयोग चीनी के निर्माण में होता है।
प्रश्नगत विकल्पों में किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान पूरी तरह से भू-आबद्ध देश हैं जबकि उज्बेकिस्तान की उत्तरी सीमा अरल सागर से मिलती है। इसी प्रकार अज़रबैजान की पूर्वी सीमा कैस्पियन सागर के ही तट पर अज़रबैजान की राजधानी बाकू स्थित है। अतः प्रश्न के संदर्भ में दो विकल्प (a) और (d) सही प्रतीत होते हैं।अरल सागर पूर्व सोवियत संघ के इलाके में आता था। सोवियत संघ द्वारा अरल सागर में प्रवाहित होने वाली नदियों का रुख सिंचाई परियोजनाओं के कारण मोड़ दिए जाने के कारण यह अधिकांशतः सूख चुका है और इसके मूल क्षेत्र के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर ही रह गया है जबकि कैस्पियन सागर विश्व में चारों ओर भूमि से घिरी हुई सबसे बड़ी झील या एक सागर है। अतः उपर्युक्त तथ्य को ध्यान में रखा जाए तो सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर अज़रबैजान अर्थात विकल्प (d) को माना जा सकता है।
दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के संपूर्ण स्थलीय क्षेत्रफल के 35 प्रतिशत हिस्से पर अमेजन बेसिन का विस्तार है। यदि इसमें पम्पास एवं अन्य तटीय मैदानों के हिस्से को सम्मिलित कर दिया जाय तो दक्षिण अमेरिका के संपूर्ण क्षेत्रफल का 50 प्रतिशत से अधिक भाग मैदानी है।
यूक्रेन में लगभग संपूर्ण चीनी चुकंदर से तैयार की जाती है।
कर्नाटक भारत का सबसे बड़ा रेशमी वस्त्र उत्पादक राज्य है। इस दृष्टि से असम का दूसरा स्थान है।
भारत के प्रथम राष्ट्रीय सामुद्रिक पार्क की स्थापना वर्ष 1982 में गुजरात के जामनगर जिले में कच्छ की खाड़ी में की गई।
उपर्युक्त विकल्पों में स्कॉटलैंड औद्योगिक क्षेत्र स्वीडन में न होकर यूनाइटेड किंगडम में स्थित है। अन्य विकल्प सही सुमेलित हैं।
विकल्प में दिए गए राज्यों के निर्माण का सही अवरोही क्रम इस प्रकार है- राज्य निर्माण का वर्ष राजस्थान 1956 महाराष्ट्र 1960 हरियाणा 1966
जस्ता का लगभग संपूर्ण उत्पादन राजस्थान से होता है। अतः जस्ता के उत्पादन में राजस्थान का लगभग एकाधिकार है।
जनगणना 2011 के अंतिम आंकड़ों के अनुसार प्रश्नगत राज्यों में नगरीय जनसंख्या घनत्व (नगरीय जनसंख्या में नगरीय क्षेत्रफल का भाग देकर) निम्नानुसार है। पश्चिम बंगाल – 5683 महाराष्ट्र – 5594 तमिलनाडु – 2561 गोवा – 1135 इस प्रकार इन राज्यों में सर्वाधिक नगरीय जनसंख्या घनत्व पश्चिम बंगाल राज्य में है। नोट – यदि प्रश्न में नगरीय घनत्व से तात्पर्य नगरीय जनसंख्या प्रतिशतता से है तो इस प्रश्न का उत्तर गोवा होगा।
किशनगंगा, झेलम नदी की प्रमुख सहायक नदी है, जिस पर किशनगंगा परियोजना का निर्माण किया गया है। झेलम नदी पर तुलबुल परियोजना बनाई गई है। यह जल विद्युत और नौका परिवहन (Navigation) परियोजना है।
नेचुरल हिस्ट्री के राष्ट्रीय संग्रहालय की स्थापना वर्ष 1978 में नई दिल्ली में की गई थी। बाद में क्षेत्रीय नेचुरल हिस्ट्री संग्रहालयों की स्थापना देश के कई भागों में की गई। उनका विवरण निम्नवत है- संग्रहालय स्थान दक्षिणी क्षेत्र मैसूर मध्य क्षेत्र भोपाल पूर्वी क्षेत्र भुवनेश्वर दो और क्षेत्रीय संग्रहालयों की स्थापना सवाई माधोपुर (पश्चिमी क्षेत्र) और गंगटोक (उत्तर-पूर्वी क्षेत्र) में की जा रही है।
वर्ष 1903 में भारतवर्ष की प्रथम चीनी मिल उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के प्रतापपुर में स्थापित की गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने इंदिरा साहनी बनाम भारत संघ 1992 के मामले में पिछड़ा वर्ग के साथ नवनाथ वर्ग पर विचार किया था सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की नौकरियों में अन्य पिछड़े वर्ग के लिए अलग से आरक्षण करने का समर्थन किया था लेकिन आरक्षण का लाभ पाने वाले नवोदित वर्ग को अन्य पिछड़ा वर्ग से बाहर करने का आदेश दिया था शीर्ष न्यायालय ने आरक्षण की सीमा 50% तक करने का आदेश दिया था।
क्रिप्स मिशन के द्वारा ब्रिटिश सरकार ने मार्च 1942 के अंत में द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय नागरिकों का सहयोग और समर्थन प्राप्त करने का प्रयास किया था क्रिप्स मिशन के द्वारा पहली बार ब्रिटिश सरकार ने युद्ध के बाद भारत को स्वतंत्र उपनिवेश की मान्यता देने की घोषणा की यह वादा किया कि युद्ध समाप्त होने के बाद हम भारत में संविधान बनाने के लिए संविधान सभा की स्थापना करेंगे लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध में भारत के भाग लेने के विषय पर कांग्रेस में मतभेद था।
आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड का एल्युमिनियम उत्पादन संयंत्र उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के रेनूकूट में स्थित है।
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम (UPSIDC) का मुख्यालय कानपुर में स्थित है। यह उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत औद्योगिक एवं मूल अवसंरचना विकास की प्रगति के लिए कार्यरत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है।
आम की आम्रपाली किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा द्वारा वर्ष 1971 में दशहरी एवं नीलम के क्रॉस से विकसित की गई थी।
देश में प्रथम कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1960 में हुई थी। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा 17 नवंबर, 1960 को उत्तर-प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (UPAU) के रूप में इसका उद्घाटन पंतनगर, उत्तराखंड (तत्कालीन उ.प्र. में) में किया गया था। बाद में इसका नाम गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कर दिया गया है।
अपर्णा मटर की पत्ती विहीन प्रजाति है।
ग्रामीण विकास के लिए पायलट परियोजना (इटावा-पायलट परियोजना) का प्रारंभ सितंबर, 1948 में महेवा गांव (इटावा से 17 मील दूर) से हुआ था। भारत में इस योजना को प्रारंभ करने का श्रेय अमेरिकी सैन्य अधिकारी अल्बर्ट मेयर को दिया जाता है।
‘भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान’ उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के इज्जत नगर में स्थित है।
बारानी दीप, नरेंद्र संकर, नरेंद्र शुसका सम्राट, लालमती इत्यादि धान की प्रजातियां हैं।
राष्ट्रीय पादप आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो (National Bureau of Plant Genetic Resources : NBPGR) नई दिल्ली में स्थित है।
बहार, UPAS-120 एवं पूसा-9, अरहर की प्रजातियां हैं।
राष्ट्रीय डेयरी शोध संस्थान करनाल, हरियाणा में स्थित है। इसे वर्ष 1989 में डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया था।
हरियाली योजना वर्ष 2003 में प्रभाव में आई। इस योजना का संबंध जल प्रबंधन से है।
भारत के चार अग्रणी दाल उत्पादक राज्य इस प्रकार हैं- 1. मध्य प्रदेश, 2. उत्तर प्रदेश, 3. महाराष्ट्र, 4. राजस्थान
भारत के चार सर्वाधिक गन्ना उत्पादक राज्य इस प्रकार हैं- 1. उत्तर प्रदेश, 2. महाराष्ट्र, 3. कर्नाटक, 4. तमिलनाडु
धान उत्पादन में अग्रणी देश चीन है। इस संदर्भ में भारत का दूसरा स्थान है।
फलीदार अथवा दलहनी फसलों में संतुलित उर्वरक का अनुपात (एन.पी.के.) 0 : 1 : 1, 1: 2: 2 अथवा 1 : 2 : 3 होता है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
पूसा बोल्ड (DIR – 50) सरसों की एक प्रजाति है। इस प्रजाति के पौधों की लंबाई 140-150 सेमी. तक होती है।
उपर्युक्त देशों में से चीन में संकर धान की खेती सर्वाधिक लोकप्रिय है। चीन में धान के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल के आधे से अधिक पर संकर धान की खेती की जाती है।
राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान (National Institute of Agricultural Marketing : N.I.A.M.) जयपुर में स्थित है।
पपीते में पपाइन नामक तत्व पाया जाता है जो जिलेटिन को सेट नहीं होने देता अतः यह जेली बनाने हेतु श्रेष्ठ फल नहीं है। आम और कैथ में पेक्टिन की उपस्थिति क्रमशः कच्चे और पूर्णतः परिपक्व होने पर निर्भर करती है जबकि अमरूद में पेक्टिन की उपस्थिति के लिए ये शर्त अनिवार्य नहीं हैं अतः अमरूद जेली बनाने के लिए उपयुक्त फल है।
प्रश्न में दिए विकल्पों में से नीला शब्द ‘नीली क्रांति’ का सूचक है जो प्रतीकात्मक रूप में मत्स्य पालन से संबंधित है न कि मुर्गी पालन से। अन्य विकल्प सही सुमेलित हैं।
केला उत्पादक राज्य इस प्रकार है- 1. तमिलनाडु, 2. गुजरात, 3. महाराष्ट्र, 4. आंध्र प्रदेश
भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ में स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 1952 में हुई थी।
प्रश्न में दिए विकल्पों के जिले और उनका क्षेत्रफल निम्नानुसार है- 1. वाराणसी – 1,535, 2. जौनपुर – 4,038, 3. इलाहाबाद – 5,482, 4. गाज़ीपुर – 3,377 स्पष्टतः दिए गए जिलों में वाराणसी का क्षेत्रफल सबसे कम है। अतः सही उत्तर विकल्प (a) होगा।
प्रश्न में उल्लिखित तीनों नृत्य उत्तर प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य हैं। ‘धोबिया राग’ नृत्य प्रदेश की धोबी जाति द्वारा किया जाने वाला नृत्य है। ‘राई’ नृत्य बुंदेलखंड की महिलाओं द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी पर किया जाने वाला मयूर नृत्य है जबकि ‘शायरा’ नृत्य बुंदलेखंडी किसानों द्वारा फसल काटने की खुशी में किया जाता है।
2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिला आबादी कुल आबादी का लगभग 48% है।
उत्तर प्रदेश में अक्टूबर, 1947 में देवनागरी लिपि में लिखित ‘हिन्दी’ को राजभाषा घोषित किया गया। इसके बाद, वर्ष 1989 में उर्दू को द्वितीय राजभाषा घोषित किया गया। जबकि उर्दू भाषा के विकास एवं प्रचार-प्रसार के लिए ‘उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी’ की स्थापना वर्ष 1972 में ही की गई थी।
जनगणना 2011 के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में पुरुष साक्षरता दर 79.24 प्रतिशत के स्तर पर थी जबकि 2011 के अंतिम आंकड़ों के अनुसार यह 77.3 प्रातिशत के स्तर पर है।
बुक्सा या बोक्सा जनजाति उत्तर प्रदेश के बिजनौर और आगरा में पायी जाती है।
जैव प्रौद्योगिकी पार्क जानकीपुरम, लखनऊ में स्थित है।
उत्तर प्रदेश में फसल गहनता 156% है।
भारतीय साग-भाजी अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Vegetable Research) वाराणसी में स्थित है।
मनास जैवमंडल अभयारण्य असम में स्थित है।
बायोडायवर्सिटी, बायोलॉजिकल डायवर्सिटी शब्द का संक्षिप्त रूप है। सर्वप्रथम अमेरिकी वनस्पतिशास्त्री वाल्टर जी रोसेन ने बायोडायवर्सिटी शब्द का प्रयोग किया था।
साइक्लोन डिवाइडर वायु-प्रदूषण की रोकथाम की यंत्रीय विधि नहीं है।
युट्रोफिकेशन जल प्रदूषण से संबंधित है। जल में अप्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन और फास्फोरस की मात्रा बढ़ना ही यूट्रोफिकेशन है। इससे जल की गुणवत्ता में कमी आने के साथ ही ऑक्सीजन की मात्रा भी कम हो जाती है।
पेड़-पौधों एवं जंतुओं की सर्वाधिक विविधता उष्णकटिबंधीय आर्द्र वन में पायी जाती है।
जनगणना 2011 के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार भारत के 10 लाखी जनसंख्या वाले नगरों की संख्या 53 है जबकि जनगणना 2001 के अनुसार इनकी संख्या 35 थी।
जनगणना-2011 के अनुसार सबसे कम लिंगानुपात हरियाणा (879) है जबकि सिक्किम (890), पंजाब (895) तथा जम्मू-कश्मीर (899) इससे अधिक लिंगानुपात वाले राज्य हैं।
जारवा जनजाति का निवास अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के दक्षिणी अंडमान द्वीप एवं मध्य अंडमान द्वीप पर है। हाल ही में यह जनजाति चर्चा में तब रही जब इनके आवासीय क्षेत्रों को मानवीय गतिविधियों के लिए निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया था।
बृहस्पति जी को वैदिक देवताओं का पुरोहित माना जाता था।
सिकंदर के आक्रमण के समय अश्वक एक सीमांत गणराज्य था जिसकी राजधानी मस्सग थी। यूनानी लेखकों के अनुसार सिकंदर के विरुद्ध हुए युद्ध में बड़ी संख्या में पुरुष सैनिकों के मारे जाने के पश्चात यहां की स्त्रियों ने शस्त्र धारण किया था। इसी विवरण से पता चलता है कि सिकंदर ने इस नगर की समस्त स्त्रियों को मौत के घाट उतार दिया था।
पुलकेशिन II के ऐहोल अभिलेख की रचना रविकीर्ति ने की थी। इसमें पुलकेशिन II की उपलब्धियों का वर्णन किया गया है। इसकी रचना कालिदास तथा भारवि की काव्य शैली पर की गई है। प्रशस्ति के अंत में लेखक ने यह दावा किया है कि उसने इसे लिखकर कालिदास तथा भारवि के समान यश प्राप्त किया है। इस प्रकार पुलकेशिन II के ऐहोल अभिलेख में संस्कृत के कवि और नाटककार कालिदास का उल्लेख हुआ है।
राष्ट्रकूट राजा अमोघवर्ष I का जन्म 800 ई. में नर्मदा नदी के किनारे श्री भवन नामक स्थान पर सैनिक छावनी में हुआ था। इस समय इसके पिता राष्ट्रकूट राजा गोविंद III, उत्तर भारत के सफल अभियानों के बाद वापस लौट रहे थे।
‘राबिया-उद्-दौरानी’ का मकबरा ‘द्वितीय ताजमहल’ या ‘दक्कन का ताजमहल’ कहा जाता है। इसे मुगल शासक औरंगजेब ने अपनी प्रिय पत्नी ‘दिलरास बानो बेगम’ (राबिया-उद्-दौरानी) की स्मृति में औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में बनवाया था। इसकी निर्माण आकृति बिल्कुल ताजमहल जैसी ही है।
मुगल चित्रकला जहांगीर के शासनकाल में अपनी पराकाष्ठा पर पहुंच गई। सम्राट जहांगीर ने अपने प्रसिद्ध चित्रकार अबुल हसन को ‘नादिर-उज़-जमां’ की उपाधि प्रदान की थी। इसे ‘व्यक्ति चित्र’ बनाने में महारत हासिल थी।
अमीर हसन-ए-देहलवी को उसकी उच्च गजलों के कारण इसे ‘भारत का सादी’ कहा गया है।
कुतुबमीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने आरंभ किया और इसका निर्माण कार्य इल्तुतमिश के काल में पूरा हुआ। फिरोजशाह तुगलक के शासनकाल में इसकी चौथी मंजिल को काफी हानि पहुंची थी, जिस पर फिरोज ने चौथी मंजिल के स्थान पर दो और मंजिलों का भी निर्माण करवाया। गयासुद्दीन तुगलक ने इसके निर्माण में कोई योगदान नहीं दिया था।
मुगल सम्राट फर्रुखसियर द्वारा वर्ष 1717 में मुशीदकुली खान को बंगाल का गवर्नर (सूबेदार) नियुक्त किया गया। मुर्शीद कुली खान की मृत्यु के पश्चात उसका दामाद शुजाउद्दीन बंगाल का सूबेदार बना जिसे तत्कालीन मुगल सम्राट मुहम्मद शाह ‘रंगीला’ द्वारा मान्यता प्रदान की गई। अतः मुगल सम्राट द्वारा स्वतंत्र रूप से नियुक्त बंगाल का अंतिम गवर्नर मुर्शीद कुली खान था।
‘दी ग्रेट डिवाइड’ भारत पाकिस्तान विभाजन पर एच.वी. हॉडसन द्वारा लिखी पुस्तक है, जबकि ‘हिंद स्वराज’ पुस्तक के लेखक महात्मा गांधी हैं। ‘दी गिल्टी मैन ऑफ इंडियाज पार्टीशन’ डॉ. राम मनोहर लोहिया की लिखी हुई पुस्तक है जबकि ‘ग्लिम्सेस ऑफ दि वर्ल्ड हिस्ट्री’ के लेखक जवाहरलाल नेहरू हैं।
रेगुलेटिंग अधिनियम, 1773 के पूर्व भारतीय प्रशासन में सबसे गंभीर दोष यह था कि बंगाल, मद्रास और बम्बई प्रेसीडेंसी एक दूसरे से पृथक एवं स्वतंत्र थी और इनका सीधा संबंध इंग्लैंड में स्थित निदेशक मंडल से था। रेग्युलेटिंग एक्ट में इस दोष को दूर कर बंगाल प्रेसीडेंसी को सर्वोच्चता प्रदान की गई और बंगाल के गवर्नर को अंग्रेजी क्षेत्र का गवर्नर-जनरल कहा जाने लगा। इस तरह बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया था।
पंजाब के पूर्व महाराजा दलीप सिंह का निधन 23 अक्टूबर, 1893 को पेरिस (फ्रांस) में हो गया था। शेष सभी कथन असत्य है। दलीप सिंह ने सिक्ख धर्म छोड़कर इसाई धर्म को अपनाया था, इन्होंने रूस की यात्रा भी की थी। इनकी अन्त्येष्टि इंग्लैंड में हुई थी।
डब्ल्यू. एच. स्लीमैन भारत में एक ब्रिटिश प्रशासक थे जिन्होंने ठगी प्रथा का अंत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ‘जर्नी थ्रू दी किंगडम ऑफ अवध इन दी ईयर 1849-50’ रिपोर्ट स्लीमैन द्वारा ही लिखी गई थी जिसका दो भागों में लंदन से प्रकाशन हुआ था।
तृतीय आंग्ल-मैसूर युद्ध (1790-1792) से लॉर्ड कार्नवालिस सम्बद्ध है। इस युद्ध में कार्नवालिस ने स्वयं सेना की बागडोर संभाली थी। इस युद्ध में टीपू ने श्रीरंगपट्टम की संधि (1792) कर ली थी। जिसके अनुसार टीपू को अपने राज्य का लगभग आधा भाग अंग्रेजों को देना पड़ा था।
अतः विकल्प (c) सही सुमेलित है।
मराठा शासन प्रणाली में शिवाजी के काल में शासन के संचालन के लिए ‘अष्ट प्रधान’ नामक आठ मंत्रियों की परिषद थी जिसका कार्य राजा को परामर्श देना मात्र था। इसे किसी भी अर्थ में मंत्रिमंडल नहीं कहा जा सकता था। प्रत्येक मंत्री राजा के प्रति उत्तरदायी था तथा उसके सचिवों के रूप में कार्य करता था। इसमें पेशवा, अमात्य, वाकिया नवीस, शुरुनवीस, दबीर या सुमंत, सेनापति पंडित राव तथा न्यायाधीश होते थे।
‘कौमी आवाज’ नामक उर्दू अखबार का प्रकाशन वर्ष 1945 में जवाहरलाल नेहरू तथा रफी अहमद किदवई द्वारा लखनऊ से प्रारंभ किया गया था। वर्ष 1997 में इस अखबार का प्रकाशन बंद हो गया।
सही सुमेलन इस प्रकार है- भगत सिंहः एन इंट्रोडक्शन टू दी ड्रीमलैंड, सुभाष चन्द्र बोस : इंडियन स्ट्रगल, शचींद्रनाथ सान्याल : बंदी जीवन, भगत सिंह : ‘मैं अनीश्वरवादी क्यों हूं’, इस प्रकार विकल्प (a) सही सुमेलित है।
1916 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन की अध्यक्षता अम्बिका चरण मजूमदार ने की थी। यह अधिवेशन ‘लखनऊ समझौता’ या ‘कांग्रेस-लीग योजना’ के नाम से प्रसिद्ध है। इसमें मुस्लिम लीग व कांग्रेस के बीच समझौता हो गया और कांग्रेस ने मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचक मंडल की मांग को भी औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया था।
रवींद्रनाथ टैगोर ने स्वदेशी आंदोलन के आर्थिक पक्ष का समर्थन नहीं किया था। उनके उपन्यास ‘घरे बारे’ में स्वदेशी आंदोलन के आर्थिक पक्ष के दुष्परिणामों का एक मुस्लिम व्यापारी की व्यथा के माध्यम से चित्रण किया गया है। अन्य सभी विकल्प सत्य है। साथ ही स्वदेशी आंदोलन के दौरान विदेशी वस्त्रों के लिए जलाए जाने को उन्होंने ‘निष्ठुर बर्बादी’ की संज्ञा भी दी थी।
भारत को ब्रिटिश राज से मुक्त कराने हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में लाला हरदयाल, सोहन सिंह भखना और करतार सिंह सराभा आदि ने मिलकर गदर आंदोलन की स्थापना की थी। इस पार्टी का मुखपत्र ‘गदर’ एक साप्ताहिक पत्र था जिसके प्रथम संस्करण का प्रकाशन 1 नवंबर, 1913 को सैनफ्रांसिस्को से किया गया था।
साइमन कमीशन के अध्यक्ष सर जॉन साइमन उदारवादी दल (Liberal party) के सदस्य थे जबकि भारत की स्वतंत्रता (1947) के समय ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली इस कमीशन में श्रमिक दल (Labour party) के सदस्य के रूप में शामिल थे।
चित्तू पाण्डे के नेतृत्व में वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 19 अगस्त, 1942 को उत्तर प्रदेश के बलिया में समानान्तर सरकार की स्थापना की गई थी।
5 अप्रैल, 1930 को महात्मा गांधी अपने नमक सत्याग्रह के तहत दांडी ग्राम पहुंचे, उन्होंने दांडी आए सभी देशी व विदेशी पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘‘शक्ति के विरुद्ध अधिकार की इस लड़ाई में मैं विश्व की सहानुभूति चाहता हूं।’’
असहयोग आंदोलन 1 अगस्त, 1920 को प्रारंभ हुआ किंतु 5 फरवरी, 1922 को हुए चौरी-चौरा कांड के कारण महात्मा गांधी ने इसे वापस ले लिया था। असहयोग आंदोलन का लक्ष्य ‘एक वर्ष के भीतर स्वराज्य की प्राप्ति’ था। इसके साथ ही सरकारी उपाधि, स्कूल न्यायालयों तथा विदेशी सामानों का पूर्णतः बहिष्कार की योजना भी थी। परंतु मोहम्मद अली जिन्ना ने इसका समर्थन नहीं किया, अपितु इसका विरोध किया था।
वर्ष 1929 में नागपुर में संपन्न ‘ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस’ (A.I.T.U.C.) की अध्यक्षता जवाहरलाल नेहरू ने की थी। नागपुर अधिवेशन में ही साम्यवादियों एवं सुधार वादियों में मतभेद के कारण ‘ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस’ का विभाजन भी हुआ। इस अधिवेशन में नेहरू रिपोर्ट की आलोचना की गई, अतः दक्षिणपंथी इससे अलग हो गए और उन्होंने एन.एम. जोशी और वी.वी. गिरि के नेतृत्व में ‘इंडियन ट्रेड यूनियन फेडरेशन (I.T.U.F.) का गठन किया।
मुस्लिमों के लिए एक पृथक देश (Homeland) की प्रथम बार एक निश्चित अभिव्यक्ति 1930 के मुस्लिम लीग के इलाहाबाद अधिवेशन के इकबाल के अध्यक्षीय भाषण में हुई थी (स्रोतः आर.सी. मजूमदार- द हिस्ट्री एंड कल्चर ऑफ द इंडियन पीपुलः स्ट्रगल फॉर फ्रीडम, पृष्ठ संख्या 613)। जबकि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के एक छात्र चौधरी रहमत अली ने 1933 में पाकिस्तान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग ‘नाउ ऑर नेवर; आर वी टू लिव ऑर पेरिस फॉरेवर?’’ नाम से वितरित अपने पैम्फलेट में किया था। ब्रिटिश भारत की पांच उत्तरी राजनीतिक इकाइयों के नामों के अंग्रेजी प्रथम अक्षरों को मिलाकर यह नाम बनाया गया था। ये इकाइयां थीं-पंजाब, नॉर्थ-वेस्ट फ्रंटियर प्रॉविंस, कश्मीर, सिंध और बलूचिस्तान। जबकि 22-24 मार्च, 1940 के मध्य लाहौर में हुए मुस्लिम लीग के अधिवेशन में एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के रूप में औपचारिक रूप से पाकिस्तान की मांग की गई थी।
‘आजाद हिंद फौज दिवस’ 12 नवंबर, 1945 को मनाया गया था जबकि 5 नवंबर से 11 नवंबर, 1945 तक आजाद हिंद फौज के सिपाहियों आर.के. सहगल, शाहनवाज तथा गुरुबख्श सिंह ढिल्लन पर लाल किले में मुकदमा चलाया गया था।
भारत छोड़ो आंदोलन (1942) के समय भारत का प्रधान सेनापति (Commander in chief) लॉर्ड वैवेल थे जो कि बाद में वर्ष 1943 से 1947 तक भारत के वायसराय और गवर्नर-जनरल भी रहे।
23 मार्च, 1931 को ब्रिटिश सरकार द्वारा भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर में फांसी पर लटका दिया गया और चोरी-छिपे उनका अंतिम संस्कार फिरोज़पुर जिले में सतलज नदी के तट पर कर दिया गया। आज उसी स्थान पर शहीद भगत सिंह स्मारक स्थित है जहां प्रतिवर्ष 23 मार्च को हजारों लोग श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
जवाहरलाल नेहरू के विचारों में मार्क्सवाद सहित समाजवाद का विश्लेषण और व्याख्या मिलती है। नेहरू के समाजवादी रुझान के विषय में जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए तत्कालीन यूनाइटेड प्रॉविन्सेस (वर्तमान उत्तर प्रदेश) के प्रचार विभाग द्वारा ‘कम्युनिस्ट लाइक और डिसलाइक’ नाम से एक पर्चा छपवाया गया था जिसमें नेहरू को ‘साम्यवाद का उच्चतम पुजारी’ (High priest of communism) के रूप में वर्णित किया गया था। यद्यपि सरकार के उच्चाधिकारियों ने ऐसे प्रयास न करने और साम्यवादियों के साथ तुलना न करने की सलाह दी थी।
रवींद्रनाथ टैगोर आंदोलन एवं विरोध प्रदर्शन के विपरीत गांधी जी को रचनात्मक कार्यक्रम अपनाने की सलाह अपने पत्र में दी थी। असहयोग आंदोलन के दौरान रवींद्रनाथ टैगोर ने विदेशी वस्त्रों को जलाये जाने को ‘अविवेकी या निष्ठुर बर्बादी’ कहा था और जलाए जाने का विरोध किया था।
अकबर के शासनकाल में ‘हितोपदेश’ का फारसी भाषा में अनुवाद ‘मुफर्रीह-उल-कुतुब’ के नाम से ताजुल माली द्वारा किया गया था।
नक्शबंदिया शाखा में ‘समा’ अर्थात संगीत गोष्ठी का आयोजन वर्जित है। इसके अतिरिक्त इस शाखा के सूफियों को ‘जिक्र अली’ अथवा उच्च स्वर में संस्मरण की अनुमति नहीं है परंतु वे जिक्र-खफी अथवा निम्न स्वर में संस्मरण करते हैं। नक्शबंदियां सूफियों ने कुरान के अक्षरशः पालन पर बल दिया।
दयानन्द सरस्वती, ईश्वर चन्द्र विद्यासागर और राजा राममोहन राय ने अंग्रेजी शासन के दौरान भारत में धार्मिक-सामाजिक सुधार हेतु अथक प्रयत्न किए। तीनों ही संस्कृत भाषा में प्रवीण थे और हिंदू धर्म तथा समाज में फैली कुरीतियों का खंडन किया।
नई फारसी काव्य शैली सबक-ए-हिंदी या हिंदुस्तानी शैली के जन्मदाता अमीर खुसरो स्वयं को ‘तूती-ए-हिंद’ अथवा ‘हिन्दोस्तान का तोता’ कहता था।
बोरोबटूर का प्रख्यात स्तूप इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर स्थित है। यह एक यूनेस्को द्वारा मान्य विश्व विरासत स्थल (World Heritage Site) है। यह एक बौद्ध तीर्थ स्थल है जिसका निर्माण ईसा की नौंवी सदी में किया गया था।
21 अगस्त, 2013 को सीरिया के घौता उपनगर में अंजाम दिया गया रासायनिक हमला पूरी दुनिया के समाचार माध्यमों में सुर्खियों में रहा। हमलों में सतह से सतह पर मार करने वाले रॉकेटों द्वारा सरीन गैस का प्रयोग किया गया था।
कैरेट का उपयोग किसी हीरे का वजन बताने के लिए किया जाता है। 1 कैरेट = 0.2 ग्राम, 0.2 ग्राम = 200 मिलीग्राम
हम पृथ्वी की घूर्णन गति का अनुभव नहीं करते क्योंकि पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण निरंतर हमें पृथ्वी के केंद्र की ओर खींचता है।
तेजस भारत द्वारा स्वदेशी तकनीक से निर्मित पहला बहुभूमिका वाला हल्का लड़ाकू विमान है। तेजस चौथी पीढ़ी का सुपरसोनिक विमान है जो भारतीय वायु सेना में मिग-21 विमानों का स्थान लेगा।
‘क्लाउड सीडिंग’ मौसम में बदलाव लाने की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बादलों से इच्छा अनुसार वर्षा कराई जा सकती है। आमतौर पर क्लाउड सीडिंग प्रक्रिया में सिल्वर आयोडाइड और शुष्क बर्फ जैसे तत्व प्रयोग किए जाते हैं।
भरी हुई गाड़ी को चलाने में उसे चलायमान रखने के लिए आवश्यक बल से अपेक्षाकृत अधिक बल लगाना पड़ता है क्योंकि एक बार गाड़ी चल देने के बाद घर्षण कम होता है।
उच्च दाब पर निकिल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन वनस्पति तेलों से संयोग करके उन्हें वनस्पति घी में बदल देता है, इस प्रक्रिया को तेलों का हाइड्रोजनीकरण कहते हैं।
उपग्रह अपने कक्ष में अभिकेंद्र बल के कारण पृथ्वी का चक्कर लगाता रहता है।
दूरसंचार में सूक्ष्म तरंगों (Microwave) का प्रयोग होता है।
दो समांतर समतल दर्पणों के बीच यदि कोई वस्तु रख दी जाए तो बनने वाले प्रतिबिम्बों की संख्या अनंत होती है, क्योंकि प्रत्येक प्रतिबिंब परावर्तित होकर एक नया प्रतिबिंब बनाता है, और इस तरह यह क्रम चलता रहता है। जब दो समतल दर्पण कोण पर झुके हों तो उनके द्वारा उनके मध्य में रखी वस्तु के बनाए कुल प्रतिबिम्बों की संख्या q12img होती है।
सोनार (SONAR) शब्द Sound Navigation And Ranging का लघु रूप है। सोनार रडार जैसा है, परंतु रडार में रेडियो तरंगों का उपयोग किया जाता है जबकि सोनार में ध्वनि तरंगों का। सोनार में एक प्रेषित तथा एक संसूचक होता है और इसे किसी नाव का जहाज पर लगाया जाता है। प्रेषित पराश्रव्य तरंगें उत्पन्न तथा प्रेषित करता है। पराश्रव्य तरंगों की प्रतिध्वनि से समुद्र तल की गहराई तथा समुद्र में डूबे पोतों आदि का पता लगाया जाता है।।
अंगुलियों के निशान को बहुरंगीय सतह पर उभारने हेतु फ्लोरोसेंट पाउडर प्रयुक्त होता है।
तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) हाइड्रोकार्बन गैसों का एक ज्वलनशील मिश्रण है जिसे ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। एलपीजी मुख्यतः प्रोपेन, ब्यूटेन तथा इथेन का मिश्रण है।
निकट दृष्टि-दोष से पीड़ित व्यक्ति निकट की वस्तुएं तो स्पष्ट देख लेता है लेकिन एक निश्चित दूरी से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता। इस दोष के निवारण के लिए व्यक्ति के चश्में में अवतल लेंस का प्रयोग किया जाता है।
ध्वनि तरंगों के संचरण के लिए द्रव्यात्मक माध्यम का होना आवश्यक है परंतु चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं होने के कारण वहां द्रव्यात्मक माध्यम नहीं है, इसलिए चंद्रमा पर ध्वनि तरंगों का संचरण नहीं हो पाता। फलतः चंद्रमा के धरातल पर दो व्यक्ति एक-दूसरे की बात को नहीं सुन सकते हैं।
सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय जब सूर्य की किरणें सर्वाधिक दूरी तय करती हैं तब प्रकाश का सबसे अधिक लाल रंग हमारे पास तक पहुंचता है, शेष रंगों का मार्ग में प्रकीर्णन हो जाता है और इसी कारण हमें सूर्य लाल दिखता है।
खगोलीय दूरदर्शी से बना अंतिम प्रतिबिंब अभासी और बड़ा होता है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद-11 में यह स्पष्ट किया गया है कि संसद को नागरिकता के बारे में विधि बनाने की संपूर्ण शक्ति होगी। इस शक्ति के प्रयोग में संसद ने नागरिकता अधिनियम, 1955 अधिनियमित किया है जिसमें नागरिकता के अर्जन और समाप्ति के बारे में विस्तार से उपबंध किया गया है।
‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द 1950 में लागू मूल संविधान का अंग नहीं था। यह शब्द 1976 के 42वें संविधान संशोधन (3-1-1977 से लागू) द्वारा भारत के संविधान की प्रस्तावना में जोड़ा गया। नोट- संविधान की प्रस्तावना के अंग्रेजी पाठ में शामिल ‘Secular’ शब्द का हिन्दी पाठ में आधिकारिक अनुवाद ‘पंथनिरपेक्ष’ किया गया है, न कि ‘धर्मनिरपेक्ष’।
भारतीय संविधान की उद्देशिका को संविधान की ‘आत्मा’ कहा जाता है। के.एम.मुंशी ने इसे ‘राजनीतिक जन्मपत्री (Political Harosecope) कहा है। सुभाष काश्यप के अनुसार ‘‘संविधान शरीर हैं तो प्रस्तावना उसकी आत्मा, प्रस्तावना आधारशिला है तो संविधान उस पर खड़ी अट्टालिका।’’
भारतीय संविधान के अनुच्छेद-3 के अनुसार किसी राज्य की सीमाएं बदलने, नए राज्य का निर्माण करने अथवा उनके नाम में परिवर्तन करने का अधिकार केवल संसद को दिया गया है। राज्यों को यह अधिकार प्राप्त नहीं है।
भारतीय संविधान के 44वें संशोधन द्वारा संपत्ति के मूल अधिकार को रद्द कर दिया गया है। अब संपत्ति का अधिकार केवल एक कानूनी अधिकार ही है, मूल अधिकार नहीं। इसके साथ ही 19वें अनुच्छेद की छठीं स्वतंत्रता (संपत्ति की स्वतंत्रता) को भी समाप्त कर दिया गया।
संविधान के अनुच्छेद-67 (ख) के अनुसार उपराष्ट्रपति को राज्य परिषद अथवा राज्य सभा (Council of States) के ऐसे प्रस्ताव के द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा जिसे राज्य सभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत ने पारित किया है और जिससे लोक सभा सहमत है। किंतु इस खंड के प्रयोजन के लिए कोई प्रस्ताव तब तक प्रस्तावित नहीं किया जाएगा जब तक कि उस संकल्प को प्रस्तावित करने के आशय की सूचना कम से कम 14 दिन पूर्व न दे दी गई हो।
सिरिमाओ भंडारनायके किसी देश की सर्वप्रथम महिला प्रधानमंत्री थी। सिरिमाओ भंडारनायके 1960 में श्रीलंका की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनने के साथ ही वे विश्व के किसी भी देश की बनने वाली प्रथम महिला प्रधानमंत्री थीं। इनका श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के सदस्य के रूप में श्रीलंका के प्रधानमंत्री के तौर पर तीन कार्यकाल क्रमशः 1960-65, 1970-77, 1998-2000 रहा।
9 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा की प्रथम बैठक की अध्यक्षता अस्थायी अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा ने की थी। 11 दिसंबर, 1946 को संविधान सभा ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को निर्विरोध संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया।
विधायिका और/या कार्यपालिका के कृत्यों की न्यायपालिका द्वारा समीक्षा किए जाने को न्यायिक पुनरावलोकन (Judicial Review) कहते है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 13 द्वारा न्यायिक पुनरावलोकन का प्रावधान किया गया है जो संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से प्रेरित है जबकि यू.के. (यूनाइटेड किंगडम) में संसद सर्वोच्च है और उसके द्वारा बनाए कानूनों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
भारत के संविधान की पहली अनुसूची में राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों का उल्लेख है। इस अनुसूची में गोवा राज्यों के अंतर्गत जबकि शेष विकल्प संघ राज्य क्षेत्रों के अंतर्गत सम्मिलित हैं।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद-118 (4) के अंतर्गत संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र की अध्यक्षता करने हेतु लोक सभा का अध्यक्ष अधिकृत है। इसकी अनुपस्थिति में ऐसा व्यक्ति पीठासीन होगा जिसका खंड (3) के अधीन बनाई गई प्रक्रिया के नियमों के अनुसार अवधारणा किया जाए।
भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में संविधान सर्वोच्च है। यही राजव्यवस्था के स्वरूप और उद्देश्य का निर्धारण करता है एवं विभिन्न इकाइयों के सृजन का प्रावधान करता है। संविधान से ही शासन के सभी अंग अधिकार एवं शक्ति प्राप्त करते हैं।
सूचना का अधिकार अधिनियम (Right to Information Act) को लोक सभा द्वारा 11 मई, 2005 तथा राज्य सभा द्वारा 12 मई, 2005 को पारित कर दिया गया। 15 जून, 2005 को राष्ट्रपति द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 पर अपनी सहमति दे दी गई। राष्ट्रपति की संस्तुति के साथ केंद्र एवं राज्य सरकारों को अपनी संपूर्णता में विधेयक को लागू करने के लिए 120 दिन का समय दिया गया। अधिनियम औपचारिक रूप से 12 अक्टूबर, 2005 को अस्तित्व में आया।
भारत के संविधान के भाग 5 के अनुच्छेद 79 में उपबंधित है कि संघ के लिए एक संसद होगी जो राष्ट्रपति और राज्य सभा तथा लोक सभा से मिलकर बनेगी। अतः दिए गए विकल्पों में राष्ट्रपति, लोक सभा और राज्य सभा, तीनों संसद के अनन्य भाग हैं जबकि उपराष्ट्रपति संसद का अनन्य भाग नहीं है।
संसदीय समितियों को मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया जाता है। पहली समिति स्थायी समिति एवं दूसरी समिति तदर्थ समिति के नाम से जानी जाती है। स्थायी समिति में भी विषयों के आधार पर कई समितियां होती है, जैसे लोक लेखा समिति अपवाद स्वरूप कुछ समितियों को छोड़कर लगभग सभी स्थायी समिति में लोक सभा एवं राज्य सभा के सदस्यों का अनुपात क्रमशः दो और एक का होता है।
स्वतंत्र भारत के किसी राज्य की सर्वप्रथम महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू थीं। अपनी लोकप्रियता एवं प्रतिभा के कारण वर्ष 1925 में कानपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन की वे अध्यक्ष बनीं और वर्ष 1932 में भारत की प्रतिनिधि बनकर दक्षिण अफ्रीका भी गईं। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वे उत्तर प्रदेश की पहली राज्यपाल बनीं।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 17 के अंतर्गत उल्लेख किया गया है कि ‘‘अस्पृश्यता का अंत किया जाता है और उसका किसी भी रूप में आचरण निषिद्ध किया जाता है।’’ इस अनुच्छेद के अनुसार अस्पृश्यता से उपजी किसी निर्योग्यता को लागू करना अपराध होगा जो विधि के अनुसार दंडनीय होगा।
मंत्रिपरिषद के विरुद्ध लोक सभा में ‘अविश्वास प्रस्ताव’ लाने के लिए न्यूनतम 50 सदस्यों का समर्थन आवश्यक होता है। अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की दशा में अनिवार्य रूप से मंत्रिपरिषद को त्यागपत्र देना पड़ता है।।
भारत की अर्थव्यवस्था मिश्रित अर्थव्यवस्था प्रणाली है। वह अर्थव्यवस्था जहां सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र का सहअस्तित्व होता है, मिश्रित अर्थव्यवस्था कहलाती है। पूंजीवाद के दोषों ने समाजवाद को जन्म दिया, परंतु समाजवाद भी दोष मुक्त नहीं है। मिश्रित अर्थव्यवस्था कुछ सीमा तक पूंजीवाद और समाजवाद दोनों प्रणालियों के मध्य की व्यवस्था है। मिश्रित व्यवस्था में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र या बाज़ार यंत्र तथा राज्य की भूमिका, घनिष्ठ रूप से संबंधित होती है तथा दोनों एक इकाई के दो घटक के रूप में कार्य करते हैं। भारत में पिछले कुछ वर्षों में आधारभूत क्षेत्र में तेजी से विकास के लिए ‘पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप ‘(पीपीपी) मॉडल को अपनाने पर विशेष बल दिया है। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र व निजी क्षेत्र की भागीदारी होती है। इसे संयुक्त क्षेत्र का रूप भी माना जा सकता है।
एक संघीय व्यवस्था एवं केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना भारत में 1935 के अधिनियम द्वारा लागू हुई थी। उल्लेखनीय है कि प्रांतों में द्वैध शासन की शुरुआत 1919 के अधिनियम द्वारा ही की गई थी।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 112 (3) में उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज की पेंशन को भारत की संचित निधि पर भारित व्यय घोषित किया गया है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 348 में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा के संबंध में उपबंध किया गया है। इसमें स्पष्ट उल्लेख है कि इस भाग के पूर्वगामी उपबंधों में किसी बात के होते हुए भी, जब तक संसद विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे तब तक उच्चतम न्यायालय और प्रत्येक उच्च न्यायालय में सभी कार्यवाही अंग्रेजी भाषा मंप होगी।।
तृण मूल लोकतंत्र (Grass Root Democracy) अर्थात जमीनी स्तर पर लोकतंत्र का संबंध लोकतंत्र के विकेंद्रीकरण से है। भारत में स्वतंत्रता के पश्चात 2 अक्टूबर, 1959 को जवाहरलाल नेहरू ने राजस्थान के नागौर जिले में लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की योजना का श्रीगणेश किया और इसी दिन उसे संपूर्ण राजस्थान में लागू कर दिया गया। इस लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को ही ‘पंचायती राज कहा जाने लगा है स्पष्ट है कि राजस्थान ही सबसे पहला राज्य है, जिसमें संपूर्ण राज्य में सर्वप्रथम पंचायती राज की स्थापना की गई। वर्ष 1993 में संविधान में 73वां संवैधानिक संशोधन करके पंचायती राज संस्था को संवैधानिक मान्यता प्रदान की गयी।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 2 तथा 3 के अनुसार एक राज्य को संघ में सम्मिलित करने अथवा नए राज्यों की स्थापना करने की कार्यपालिका शक्ति संसद को प्राप्त है। संसद, विधि द्वारा ऐसा उपबंध कर सकती है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 74 में स्पष्ट उल्लेख है कि ‘राष्ट्रपति’ को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रधान, प्रधानमंत्री होगा। राष्ट्रपति प्रधानमंत्री का चयन करता है। वह अनिवार्यतः ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करता है जो उस दल का नेता है जिसका लोकसभा में बहुमत है या ऐसा व्यक्ति है जो अन्य राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त करके लोक सभा का विश्वास जीत लेगा। अन्य सभी मंत्री राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की सलाह पर नियुक्त किए जाते हैं। प्रधानमंत्री व्यवहार में (राष्ट्रपति के माध्यम से) किसी भी मंत्री को बर्खास्त कर सकता है। व्यवहार में प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का वास्तविक नेता होता है। अतः विकल्प (d) सही है।
भारत का संविधान 26 नवंबर, 1949 को अंगीकृत एवं अधिनियमित किया गया। संविधान सभा की प्रथम बैठक संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में 9 दिसंबर, 1946 ई. को हुई। डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 11 दिसंबर, 1946 ई. की बैठक में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष निर्वाचित किया गया और वे अंत तक अध्यक्ष बने रहे। 29 अगस्त, 1947 को संविधान सभा ने नवीन संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए एक प्रारूप समिति गठित की जिसके अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर थे। प्रारूप समिति ने अपना प्रतिवेदन 21 फरवरी, 1948 को संविधान सभा के अध्यक्ष को सुपुर्द किया। 26 नवंबर, 1949 ई. को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंतिम रूप प्रदान किया, इसी दिन इस पर अध्यक्ष के हस्ताक्षर हुए और संविधान को पारित घोषित किया गया। 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा का अंतिम अधिवेशन हुआ जिसमें सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को नवीन संविधान के अनुसार भारतीय गणराज्य का प्रथम राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया और 26 जनवरी, 1950 ई. से भारत का यह नवीन संविधान प्रभावी हो गया।
भारत एशिया का पहला देश है जिसने निर्यात संवर्धन में निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (EPZ) की महत्ता को स्वीकार किया और कांडला में एशिया का पहला निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र 1965 में स्थापित किया। इन क्षेत्रों की स्थापना का उद्देश्य देश से निर्यात वस्तुओं के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करना है, ताकि वे अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपना स्थान बना सके। भारत में ऐसे 8 निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र हैं, जिनमें निजी क्षेत्र में सूरत में सचिन औद्योगिक क्षेत्र में निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र भी शामिल है। सार्वजनिक क्षेत्र में ऐसे 7 क्षेत्र कांडला (गुजरात), सांताक्रूज (मुंबई), फाल्टा (पश्चिम बंगाल), नोएडा (उत्तर प्रदेश), कोच्चि (केरल), चेन्नई (तमिलनाडु) तथा विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) में स्थित है।
जनगणना 2011 के अनंतिम आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में लिंगानुपात 908 जबकि जनगणना 2001 के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश का लिंगानुपात 898 था। जनगणना 2011 के अंतिम आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश का लिंगानुपात 912 है। अतः यदि अनंतिम आंकड़ों से तुलना की जाए तो 10 महिलाओं की वृद्धि होगी परंतु अंतिम आंकड़ों से तुलना की जाए तो यह वृद्धि 14 महिलाओं की होगी। उल्लेखनीय है कि लिंगानुपात का तात्पर्य प्रति हजार पुरुषों की संख्या की तुलना में महिलाओं की संख्या से है।
अपर्याप्त संवृद्धि दर, जनसंख्या की उच्च वृद्धि दर एवं बेरोजगारी निर्धनता के लिए उत्तरदायी है जबकि बढ़ती निवेश दर इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।
बैंकों के लिए वित्तीय वर्ष अप्रैल-मार्च है परंतु भारतीय रिजर्व बैंक (R.B.I.) का वित्तीय वर्ष 1 जुलाई से 30 जून है।
गेहूं, चावल एवं चीनी का किसी न किसी रूप में भारत से निर्यात होता है जबकि दाल का भारत से किसी भी रूप में निर्यात नहीं होता है।
भारत 15 अगस्त, 1947 के पूर्व ब्रिटेन का उपनिवेश था। भारत में ब्रिटिश उपनिवेश की शुरुआत 1757 ई. में हुई, जब प्लासी युद्ध में विजय के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी का बंगाल पर प्रभुत्व स्थापित हुआ। ब्रिटिश काल में भारतीय अर्थव्यवस्था गतिहीन बनी रही। उपनिवेशवाद का लक्ष्य भारत का ब्रिटेन के एक अधीनस्थ बाजार के रूप में विकसित करने की थी। जिससे इसका आसानी से शोषण किया जा सके। ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति के पश्चात भारत को एक ऐसे उपनिवेश की भूमिका अदा करनी थी जो ब्रिटेन का आवश्यकतानुसार कच्चा माल उपलब्ध करता रहे। भारत को औद्योगिक पूंजी के अनुकूल बनाने के लिए स्थानीय शिल्प उद्योगों को नष्ट कर एक कृषि प्रधान देश के रूप में परिवर्तित करना अंग्रेजों की एक निश्चित नीति का अंग था। अतः पूछे गए प्रश्न के अनुसार विकल्प (c) सही है क्योंकि भारत ब्रिटिश काल में विनिर्मित माल का आपूर्तिकर्ता न होकर ऋण कच्चे माल का आपूर्तिकर्ता था।
आचार्य विनोबा भावे द्वारा भूदान आंदोलन का प्रारम्भ 18 अप्रैल, 1951 को तत्कालीन आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में पोचमपल्ली ग्राम से किया गया। भूदान आंदोलन भूमि सुधार करने; कृषि में संस्थागत परिवर्तन लाने की एक कोशिश थी। प्रसिद्ध गांधीवादी, रचनात्मक कार्यकर्ता आचार्य विनोबा भावे 1950 ई. के दशक के आरंभ में इस आंदोलन के लिए गांधीवादी तकनीकों एवं रचनात्मक कार्यों तथा ट्रस्टीशिप जैसे विचारों को प्रयोग में लाए। जय प्रकाश नारायण भी सक्रिय राजनीति छोड़कर 1953 ई. में भूदान आंदोलन मंश जुड़ गए थे। 1955 ई. के अंत तक भूदान आंदोलन ने एक नया रूप धारण किया वह था ग्रामदान का। ग्रामदान आंदोलन की शुरुआत उड़ीसा में हुई और वहां यह सफल रहा।
1991 के आर्थिक सुधारों के अंतर्गत तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव द्वारा उदारीकरण, निजीकरण और भूमंडलीकरण की नई आर्थिक नीति स्वीकार की गई। इसी संदर्भ में 24 जुलाई, 1951 को प्रधानमंत्री ने नई औद्योगिक नीति की घोषणा की। 1956 की औद्योगिक नीति के तहत 17 उद्योगों को सार्वजनिक क्षेत्र के लिए सुरक्षित रखा गया था पर 1991 की नई नीति में इस संख्या को घटाकर 8 कर दिया गया। इस समय अब केवल दो उद्योग ही सार्वजनिक क्षेत्र के लिए सुरक्षित हैं। ये हैं-परमाणु शक्ति तथा रेल यातायात। नीतिगत सुधारों ने अर्थव्यवस्था को उदार बनाने का काम किया। सुधारों के द्वारा व्यापार और उद्योग से नियंत्रण एवं संचालन को विघटित करने पर ध्यान दिया गया है। कर एवं सीमा शुल्क को घटाया गया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत एक बड़ा बाजार है सभी प्रकार के परिमाणात्मक अवरोधों को 1 अप्रैल, 2001 से समाप्त कर दिया गया है तथा अब बाजार विदेशी माल के लिए खुला हुआ है। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में न केवल विनिवेश प्रारंभ हो गया है, बल्कि कई निगम निजी उद्यमियों को बेच भी दिए गए है। भारत की सूचना तकनीक से संबंधित सेवाओं की मांग विश्व के विकसित देशों में काफी है। इससे आने वाले वर्षों में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। इस प्रकार उदारीकरण के कारण अनुदान अर्थव्यवस्था का उदार एवं निर्यातोन्मुखी अर्थव्यवस्था के रूपातंरण हुआ है।
भारत में राष्ट्रीय आय का सर्वप्रथम आकलन दादाभाई नौरोजी ने किया था। उन्होंने ‘निकास के सिद्धान्त’ (Drain Theory) का प्रतिपादन करते हुए औपनिवेशिक शासन के दौरान भारत से इंग्लैंड को संपत्ति के प्रवाह को रेखांकित किया।
12वीं पंचवर्षीय योजना में सर्वाधिक धनराशि सामाजिक सेवाओं की मद में विनिहित की गई है। इसमें कुल 2664843 करोड़ रुपये विनिहित किया गया है जो कुल परिव्यय का 34.7% होगा।
उपर्युक्त में से किसी देश के जीवन स्तर की सर्वाधिक उपयुक्त माप ‘प्रति व्यक्ति आय’ द्वारा की जा सकती है।
ग्रामीण अवस्थापना विकास कोष की स्थापना 1995-96 में ग्रामीण आधारभूत ढांचे के वित्तीयन हेतु की गई थी। वर्ष 1982 में स्थापित नाबार्ड (NABARD: National Bank for Agriculture and Rural Development) द्वारा इसके अर्थ प्रबंध का संचालन किया जाता है।
भारत में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) सहयोग निधियों (Mutual Funds) का नियमन करती है। सेबी एक गैर-संवैधानिक संस्था है जिसकी स्थापना केंद्र सरकार द्वारा संसद में एक कानून पास करके 12 अप्रैल, 1988 को की गई थी। बाद में 30 जनवरी, 1992 को एक अध्यादेश द्वारा इस संस्था को वैधानिक दर्जा भी प्रदान कर दिया गया। इसका मुख्यालय मुंबई में है। इसके क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, दिल्ली तथा चेन्नई में स्थापित किए गए हैं। सेबी शेयर बाजार में चलने वाले वृहद कारोबार को नियंत्रित एवं विनियमित करता है। इसके लिए निर्धारित किए गए प्रमुख कार्यों में म्यूचुअल फंड की सामूहिक निवेश योजनाओं को पंजीकृत करना तथा इसका नियमन करना शामिल है।
डिप्थीरिया, कुकुर-खांसी तथा टिटनेस से बचाव हेतु नवजात शिशु को डी.पी.टी. वैक्सीन दिया जाता है।
राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBPCR) की स्थापना 1976 में नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर पौधों के आनुवांशिक संसाधनों के प्रबंधन के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में किया गया था। इसके 10 क्षेत्रीय कार्यालय विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में स्थित हैं-1. शिमला 2. जोधपुर 3. त्रिसूर 4. अकोला 5. शिलांग 6. भोवाली 7. कटक 8. हैदराबाद 9. रांची 10. श्रीनगर।
खारे पानी को शुद्ध पानी में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को उत्क्रम परासरण कहते हैं।
व्यक्ति के गहरी सांस लेने पर तराजू की रीडिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
गठिया रोग शरीर के जोड़ों में यूरिक अम्ल के जमाव से होता है। जब कभी गुर्दे से मूत्र कम अथवा मूत्र अधिक बनने से सामान्य स्तर भंग होता है, तो यूरिक अम्ल का रक्त स्तर बढ़ जाता है और यूरिक अम्ल के क्रिस्टल भिन्न-भिन्न जोड़ों पर जमा हो जाते हैं।
अधिक विद्युत ऊर्जा का क्षय करने वाला बल्ब अधिक प्रकाश उत्पन्न करेगा। Power (P) = Voltage (V) X Current (I) ज्ञात है कि V=I Resistance (R), अतएव अधिक प्रतिरोध वाला बल्ब कम विद्युत ऊर्जा का क्षय करेगा तथा कम प्रकाश उत्पन्न करेगा।
लाल रंग का तरंग दैर्ध्य सबसे अधिक होता है जबकि बैंगनी रंग का तरंग दैर्ध्य सबसे कम होता है। चूंकि प्रकीर्णन तरंग दैर्ध्य के व्युत्क्रमानुपाती होता है, अतः लाल रंग सबसे कम प्रकीर्णित होता है और यह दूर से सर्वाधिक स्पष्ट दिखाई देता है। इसी कारण ट्रैफिक सिग्नल में लाल प्रकाश प्रयुक्त होता है।
लंबे समय तक उपवास रखने का सर्वाधिक प्रभाव गुर्दे पर पड़ता है।
टी.वी. की रिमोट नियंत्रण इकाइयों में अधिकतर अवरक्त विकिरण का प्रयोग करते हैं किंतु कुछ में रेडियो तरंगों का प्रयोग करते हैं।
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